अब के वो पूछे तो कह देना
मेरी यादों में भटकने वाले
मेरी उम्मीदों में खटकने वाले
मेरी आंखों को देख
मेरी आंखों में बिखरने वाले
मेरी साँसों में निख़रने वाले
मेरी रातों को देख
मेरी रातों में चमकने वाले
मेरे हाथों में दमकने वाले
मेरे अल्फाज़ को देख
मेरे अल्फ़ाज़ों में झलकने वाले
मेरे अंदाज़ में खनकने वाले
मेरे जाम को देख
मेरे जाम में छलकने वाले
मेरे सीने में सुलगने वाले
की वो मेरे ग़म से अनजान है
और मेरे हर दर्द से बेदख़ल
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